Tuesday, February 9, 2010

चमन से एक फूल माँगा तो उसने कांटे दिए

आसमान से पानी माँगा तो उसने अंगारे बरसाए

धरती से एक मुट्ठी भर मिटटी मांगी तो उसने कंकड़ दिए

अब क्या मांगू में तुझसे ,दर लगता हे

कंही ,मेरी खुसी के लिए

तू अपनी होंठों की मुस्कराहट ऩा दे दे ।

1 comment:

  1. kya maange hai tu? kisse? aur kyun?
    kya wo tere dil ke andar nahin hai
    har waqt,
    har saans.

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